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सेहत - 09 April, 2019

अच्छी सेहत चाहिए तो अच्छा सोचिए

कोई भी लक्ष्य हासिल करने के लिए सकारात्मक रवैया जरूरी होता है। सकारात्मक विचार खुश रहने में मददगार हैं। इसका असर काम, सेहत और सफलता सभी पर दिखता है। दिलचस्प यह है कि सकारात्मक विचार मानसिक सेहत के साथ-साथ शारीरिक सेहत भी दुरुस्त रखते हैं।

कोई भी लक्ष्य हासिल करने के लिए सकारात्मक रवैया जरूरी होता है। सकारात्मक विचार खुश रहने में मददगार हैं। इसका असर काम, सेहत और सफलता सभी पर दिखता है। दिलचस्प यह है कि सकारात्मक विचार मानसिक सेहत के साथ-साथ शारीरिक सेहत भी दुरुस्त रखते हैं।

हार्वर्ड विश्वविद्यालय के एक अध्ययन के मुताबिक, सकारात्मक विचार वाले लोगों में नकारात्मक रवैये वालों के मुकाबले दिल की तमाम बीमारियों का खतरा एक तिहाई कम होता है। कुछ लोगों को सकारात्मक रहने की कला पता ही नहीं होती और वह नकारात्मकता में ही खुश रहते हैं। हर चीज की तरह सकारात्मक रहना भी सीखा जा सकता है। व्यवहार और सोच में बदलाव के साथ इसे अमल में ला सकते हैं।

आपकी मुस्कुराहट भी है असरदार

तनावपूर्ण स्थितियों में दिखावटी मुस्कुराहट भी दिल की धड़कन और रक्तचाप को कम करने में मददगार साबित होती है। इसलिए हर दिन कुछ मिनट की ह्यूमर थेरेपी जरूरी है। इसके लिए फनी वीडियो का सहारा लिया जा सकता है।

(स्रोत: अमेरिका के कंसास विश्वविद्यालय का अध्ययन)

खुशी और सफलता का सीधा संबंध

आम धारणा है कि सफलता से खुशियां आती हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि खुशियों से ही हमें सफलता मिलती है। अमेरिका के करीब दो लाख से अधिक लोगों पर हुए सर्वे के मुताबिक खुश रहने वाले लोग आशावादी विचारों से सफलता हासिल करते हैं।

(स्रोत: साइकोलॉजिकल बुलेटिन का सर्वे)

सपनों को पूरा करने की कल्पना करें

अपने सपनों और लक्ष्यों को हासिल करने के लिए उन्हें कल्पना लोक में स्थान दें। इस आसान और दमदार तरीके से जीवन स्तर में सुधार लाया जा सकता है। हम जैसा सोचते हैं, जीवन वैसा बन जाता है। अगर एक ही विचार को दिन-रात सोचना जारी रखेंगे तो वह आपकी सच्चाई बन जाएगा।

उम्मीद और सेहत के बीच नाता

सकारात्मक लोग विपरीत परिस्थितियों का मुकाबला बेहतर तरीके से करते हैं। उम्मीदें और सकारात्मकता सेहतमंद बनाती हैं और सही निर्णय लेने में मदद करती है। वहीं, नकारात्मक भाव हमारे इम्यून रेस्पॉन्स को कमजोर बनाते हैं।

तरीकों में बदलाव

बाहरी परिस्थितियों को हमेशा नियंत्रित नहीं किया जा सकता। लेकिन, आंतरिक विचारों पर काबू रखा जा सकता है। अगर जिंदगी से नाखुश हैं, तो सोचने और महसूस करने का तरीका बदलिए। दिमाग को सीमाओं से परे जाकर विस्तृत दायरे में सोचने दें।