पुष्पेंद्र मिश्र, एमपी हेल्थ न्यूज डाट काम
मां के दूध (ब्रेस्ट मिल्क) में एक ऐसा रसायन पाया गया है, जो ट्यूमर को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़कर उसे मूत्र के रास्ते से बाहर निकाल देता है। एक शोध में पाया गया है कि मिल्क शुगर एल्फा 1 एच स्वास्थ्य कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाए बिना ट्यूमर का खात्मा कर देती है। यह रसायन बच्चे के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। शोध में पाया गया कि 20 ब्लैडर कैंसर के पीड़ितों में एल्फा 1 एच की डोज देने के बाद ट्यूमर छोटे-छोटे टुकड़ों में टूटकर मूत्र के रास्ते से बाहर आ गया। शोध में पाया गया कि इलाज शुरू होने के दो घंटे के अंदर ही ट्यूमर को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। जब एल्फा 1 एच, फैट ओलेइक एसिड से मिलता है, तो यह ट्यूमोरिसाइडल कॉम्प्लेक्स बनाता है, जो कैंसर कोशिकाओं को मरने पर मजबूर कर देते हैं। शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि यह कीमो का विकल्प बन सकता है। वर्तमान में मौजूद कीमोथेरेपी की तरह इस इलाज में किसी प्रकार का कोई साइड इफेक्ट नहीं होगा।