बलात्कार के एक मामले की सुनवाई करते हुए गुजरात हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए दुष्कृत्य पीड़िता के साथ किये जाने वाले टू फिंगर टेस्ट को असंवेक्धानिक करार दिया है। हाईकोर्ट एक दुष्कर्म पीड़िता की उस अपील पर सुनवाई कर रहा था, जो उसने आरोपी को निचली अदालत द्वारा बरी किये जाने के खिलाफ दायर की थी।
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि पीड़िता नाबालिग थी और टू फिंगर टेस्ट के जरिए उसकी सहमति का निर्धारण महत्वहीन था। कोर्ट ने 25 साल पहले निचली अदालत से हुई गलती को सुधारते हुए आरोपी को दोषी करार दिया।