पुष्पेंद्र मिश्र, भोपाल
मप्र के सभी सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों से यूजी, पीजी और सुपर स्पेशिएलिटी कोर्स करने वाले डॉक्टर्स को अब रूरल एंड गवर्मेंट सर्विस बॉन्ड अनिवार्य रूप से पूरा करना होगा। यह डॉक्टर्स यूजी, पीजी और सुपर स्पेशिएलिटी कोर्स में दाखिले के समय भरे गए बॉन्ड को एक निश्चित राशि जमा करके ब्रेक नहीं कर सकेंगे। राज्य सरकार ने इसके लिए मप्र मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रेशन नियमों में बदलाव करने का फैसला लिया है।
इसके तहत मेडिकल काउंसिल में उन्हीं डॉक्टर्स के स्थाई रजिस्ट्रेशन होंगे, जो डिग्री कंप्लीट करने के बाद एक साल की नौकरी ग्रामीण क्षेत्र के अस्पताल अथवा सरकारी अस्पताल में बॉन्ड के तहत पूरा करेंगे। ग्रामीण क्षेत्र के अस्पताल अथवा सरकारी अस्पताल, मेडिकल कॉलेज में एक साल की नौकरी नहीं करने वाले यूजी, पीजी और सुपर स्पेशिएलिटी डॉक्टर्स के रजिस्ट्रेशन काउंसिल निलंबित करेगी। इससे संबंधित डॉक्टर प्रदेश के किसी भी अस्पताल में किसी भी प्रकार की प्रैक्टिस नहीं कर सकेंगे।
अभी ऐसा करते हैं डॉक्टर्स
20% डॉक्टर न ड्यूटी पर जाते और न ही बॉन्ड की राशि जमा करते हैं, 40% डॉक्टर डिग्री के बाद तोड़ देते हैं बॉन्ड
यूजी छात्र को 5 लाख व पीजी छात्र को भरना होता है 10 लाख का बॉन्ड
प्रदेश के यूजी छात्र को 5 लाख व पीजी छात्र को 10 लाख रुपए का बॉन्ड इस शपथपत्र के साथ भरना होता है कि वह डिग्री कंप्लीट होने के बाद एक साल की नौकरी ग्रामीण क्षेत्र के अस्पताल में करेंगे। ऐसा नहीं करने पर बॉन्ड की तय राशि संबंधित मेडिकल कॉलेज के डीन ऑफिस में जमा कराएंगे, तभी उसके शैक्षणिक दस्तावेज दिए जाएंगे। चिकित्सा शिक्षा संचालनालय के अफसरों ने बताया कि कुछ छात्र डिग्री के बाद बॉन्ड तोड़ देते हैं और कुछ न तो ड्यूटी पर जाते हैं और न ही बॉन्ड की राशि जमा करते हैं। इसके चलते चिकित्सा शिक्षा विभाग ने यूजी-पीजी प्रवेश नियमों में संशोधन करने व स्टेट मेडिकल काउंसिल में रजिस्ट्रेशन के नए नियम लागू करने का फैसला लिया है। नए नियमों के तहत काउंसिल रजिस्ट्रेशन रिन्युअल और स्थाई रजिस्ट्रेशन नंबर उन्हीं को जारी करेगी, जिन्होंने एक साल का रूरल बाॅन्ड या सरकारी अस्पताल में एक साल की नौकरी कंप्लीट की है।
किस डॉक्टर की कहां की जाएगी पोस्टिंग
चिकित्सा शिक्षा संचालनालय के अफसरों ने बताया कि सरकारी अथवा निजी मेडिकल कॉलेज से पीजी कंप्लीट करने वाले की पोस्टिंग सिविल हॉस्पिटल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व जिला अस्पताल स्तर के अस्पताल में की जाएगी। सुपर स्पेशिएलिटी कोर्स करने वाले डॉक्टर्स की पोस्टिंग डिग्री के बाद भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर व रीवा के मेडिकल कॉलेज की सुपर स्पेशिएलिटी यूनिट में की जाएगी।
यूजी के बाद मिलेगी संबंधित कोर्स में पढ़ाई की अनुमति
सरकारी अथवा निजी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई कंप्लीट होने के साथ ही पीजी कोर्स में और पीजी के तत्काल बाद सुपर स्पेशिएलिटी कोर्स में एडमिशन होने पर संबंधित को रजिस्ट्रेशन नियमों से राहत मिलेगी। साथ ही संबंधित कोर्स अवधि के लिए उसका रजिस्ट्रेशन रिन्यू कर दिया जाएगा, लेकिन डिग्री कंप्लीट करने के बाद नए नियमों के तहत रूरल सर्विस अथवा गवर्नमेंट सर्विस कंप्लीट करना होगी।
रजिस्ट्रेशन नियमों में इसीलिए बदलाव
मप्र मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार डॉ. सुबोध मिश्रा ने बताया कि प्रदेश में 7 नए सरकारी मेडिकल कॉलेज शुरू हुए हैं, जबकि कुछ और खोलने का प्लान चिकित्सा शिक्षा विभाग बना रहा है। इनमें फैकल्टी व सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर्स की कमी दूर करने मेडिकल काउंसिल रजिस्ट्रेशन के नियमों में बदलाव किया जा रहा है। नए नियमों को विभाग की प्रशासकीय मंजूरी के बाद जांच के लिए लॉ डिपार्टमेंट को भेजा है।