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रोग एवं उपचार - 27 December, 2020

कैसे होता है कोरोना वायरस का म्यूटेशन?

वायरस के रूप बदलने को म्यूटेशन कहते हैं। सभी वायरस प्राकृतिक तौर पर म्यूटेट करते हैं यानी अपनी संरचना में बदलाव करते हैं। कभी-कभी वायरस इस तरह म्यूटेट करता है, जिससे उसके जीवित रहने और प्रजनन की क्षमता को मदद मिलती है.


पुष्पेंद्र मिश्र, एमपी हेल्थ न्यूज डाट काम
कोरोना वायरस ने फिर अपना रूप बदल लिया है। इस बार उसके दो नए वैरिएंट मिले हैं। आखिर वायरस अपना रूप कैसे बदल लेते हैं? वैज्ञानिकों के अनुसार वायरस के इस तरह रूप बदलने को म्यूटेशन कहते हैं। सभी वायरस प्राकृतिक तौर पर म्यूटेट करते हैं यानी अपनी संरचना में बदलाव करते हैं। उसी तरह सार्स-कोव-2 भी करता है। अनुमानित तौर पर एक महीने में एक या दो बदलाव। वैज्ञानिकों के अनुसार अक्सर म्यूटेशन की वजह से वायरस की प्रॉपर्टी पर कम असर पड़ता है। सार्स-कोव-2 के जीनोम में ज्यादातर म्यूटेशन सहयात्री की तरह हैं, यानी उनसे वायरस का व्यवहार नहीं बदलता, वे बस साथ चलते रहते हैं, लेकिन कभी-कभी वायरस इस तरह म्यूटेट करता है, जिससे उसके जीवित रहने और प्रजनन की क्षमता को मदद मिलती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक कुछ म्यूटेशन से वायरस फैलने की गति पर भी प्रभाव होता है।