पुष्पेंद्र मिश्र, एमपी हेल्थ न्यूज डाट काम
पिछले पखवाड़े जिस ब्रिटेन में दुनिया का पहला कोरोना का टीका लगाने की खबर आई थी, उसी ब्रिटेन से आई खबर से पूरी दुनिया सहम गयाी है। खबर के मुताबिक वहां कोरोना वायरस ने अपनी संरचना में बदलाव करते हुए एक ऐसे नए रूप के दर्शन दिए हैं, जो ज्यादा तेजी से फैलता है और जिसे काबू में करने के लिए शायद कामयाब वैक्सीनों में भी कुछ बदलाव करने पड़ें। विशेषज्ञों के मुताबिक वायरस के इस नए रूप में पिछले वाले के मुकाबले करीब 20 बदलाव देखे गए हैं, जिनमें से कुछ इसकी संक्रमण क्षमता से भी जुड़े हैं।
इन बदलावों की वजह से यह नया वायरस पहले के मुकाबले 70 फीसदी ज्यादा तेजी से फैल रहा है। यही नहीं, वैज्ञानिकों के मुताबिक दो बदलाव वायरस के जेनेटिक कोड में भी देखे गए हैं। इससे इस आशंका को बल मिल रहा है कि कहीं इन बदलावों के जरिए यह विषाणु हाल ही में विकसित किए गए टीकों के प्रति रेजिस्टेंट न हो जाए। इन सबका मिला-जुला प्रभाव यह हुआ कि ब्रिटिश सरकार ने देश को एक बार फिर सख्त लॉकडाउन के हवाले कर दिया और तमाम देशों ने ब्रिटेन से आने वाली फ्लाइट्स पर रोक लगा दी।
इस रोक के बावजूद ब्रिटेन से निकल कर कोरोना वायरस की यह नई किस्म यूरोप के कई देशों में ही नहीं, इसरायल और ऑस्ट्रेलिया तक फैल चुकी है और डर यह है कि ब्रिटेन से आए यात्रियों के जरिए इसका प्रवेश भारत में भी न हो चुका हो।
वैक्सीन आने पर जहां लोग कोविड महामारी को बीती हुई आपदा मानकर दिल को तसल्ली दे रहे थे, वहीं इसके रूप बदलने की खबर ने उन्हें खतरे की गंभीरता को लेकर दोबारा सोचने पर मजबूर कर दिया है। हालांकि वैज्ञानिक अभी भी कह रहे हैं कि वायरस के इस बदले रूप की हकीकत को ठीक से समझने के लिए उन्हें थोड़ा और वक्त चाहिए। दूसरी बात यह कि तेजी से फैलने की बात पक्की हो तब भी इससे बचने के उपाय पहले जैसे ही रहने हैं। यानी अगर मास्क पहनने, हाथ धोते रहने और शारीरिक दूरी बनाए रखने जैसी सतर्कता कायम रखी जाए और जीवनचर्या दुरुस्त रखी जाए तो वायरस कोई नई करामात दिखाकर हमें अपना शिकार नहीं बना सकता। याद रखने की अकेली बात वही है कि वायरस से जंग लंबी है और इस दौरान हमें हताशा-निराशा और अति उत्साह से खुद को बचाए रखना है।