मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के सबसे बड़े महिला चिकित्सालय सुल्तानिया जनाना अस्पताल के डाॅक्टरों और नर्सों की करतूत से एक बार फिर इंसानियत और चिकित्सकीय पेशे को शर्मसार होना पड़ा है। हैरत की बात यह है कि यह घटना सामने आने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने मामले को बेहद हल्के से लेते हुए मामला दिखवा लेने की बात कही है। बताया गया है कि यहां एक प्रसूता मृत शिशु को जन्म देने के बाद दर्द से तड़पती रही, तो दूसरी ओर कुछ डाॅक्टर और नर्सिंग स्टाॅफ एक जूनियर डाॅक्टर के जन्मदिन का जश्न मनाने में व्यस्त रहे।
प्रसूता कि बहन हबीबा ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि उसकी बहन बाग फरहत अफजा निवासी उसकी बहन फरहा हसन को मंगलवार शाम सात बजे घर पर लेबर पेन शुरू हुआ, तो उसके पति तबरेज हसन प्रसूता को लेकर सुल्तानिया जनाना अस्पताल पहुंचे, जहां ड्यूटी पर मौजूद डाॅ. शबाना ने फरहा को एडमिट कर लिया।
अस्पताल में प्रसूता की जांच में पता चला कि फरहा के पेट में जो शिशु है, उसकी हार्ट बीट कम आ रही है। रात दस बजे के करीब सिल्वर लाइन अस्पताल में फरहा की सोनोग्राफी कराई गई। हबीबा के अनुसार सोमवार रात से मंगलवार दोपहर तक सुल्तानिया अस्पताल की किसी भी डाक्टर ने न तो फरहा का चैकअप किया और न ही उसका किसी तरह का उपचार किया। इसी दरम्यान दोपहर 3 बजकर 36 मिनट पर फरहा ने एक मृत शिशु को जन्म दिया। यह खबर मिलने पर फरहा के परिजन ने डाॅक्टर से कहा कि वे प्रसूता से मिलना चाहते हैं, लेकिन डाॅक्टर ने मुलकात की अनुमति देने से इंकार करते हुए कहा कि प्रसूता अभी लेबर रूम में है, जहां मृत शिशु की कागजी कार्यवाही पूरी की जा रही है इस काम में करीब 15 मिनट लगेंगे। एक घंटे बाद भी जब न तो प्रसूता लेबर रूम से बाहर आई और न नवजात की मृत देह परिजन को दी गई, तो हबीबा लेबर रूम में दाखिल हो गई, जहां का नजारा बेहद शर्मनाक था। लेबर रूम में एक जूनियर डाॅक्टर का जन्मदिन मनाया जा रहा था और पूरा स्टाॅफ एक - दूसरे को केक लगा रहा था।
हबीबा के मुताबिक जब उसने इस पर आपत्ति की और शिशु की मृत देह सौंपने को कहा, तो कहा गया कि देख नहीं रही हो यहां बर्थ-डे सेलिब्रेशन चल रहा है। थोड़ा इंतजार करो। हबीबा ने एक नर्स से जब फरहा के बारे में पूछा तो उसने बाहर जाने का फरमान देते हुए कहा कि तुम्हारी बहन कहीं भागी नहीं जा रही है, हमे उसे लेबर रूम में रखकर उसकी आरती नहीं उतारना है।
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मेरी नजर में लापरवाही जैसी कोई बात नहीं है, कागजी प्रक्रिया पूर्ण करने में थोड़ा समय तो लगता है। जहां तक लेबर रूम में बर्थ- डे सेलिब्रेशन की बात है, तो मैं मामले को दिखवा लूंगा।
- डाॅ. आई. डी. चैरसिया, अधीक्षक सुल्तानिया जनाना अस्पताल