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कवर स्टोरी - 24 August, 2019

राजधानी का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल और ये हाल

भोपाल के हमीदिया अस्पताल में 25 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुई वायरोलाॅजी लैब अपनी शुरुआत के एक साल बाद भी स्टाॅफ और संसाधनों की कमी से जूझ रही है। मरीज परेशान हैं, लेकिन उनकी सुनवाई होते नजर नहीं आ रही है। जिम्मेदारों की लापरवाही का नतीजा यह है कि चिकित्सा शिक्षा विभाग की मंशा पूरी होना आसान नहीं लग रहा है।

हमीदिया की वायरोलाॅजी लैब में न स्टाॅफ है और न ही हैं पूरी मशीनें

चिकित्सा शिक्षा विभाग ने आठ साल पहले प्रदेश के सभी मेडिकल काॅलेजों में अत्याधुनिक वायरोलाॅजी लैब स्थापित करने की योजना बनाई थी। इस योजना पर काम भी शुरु हुआ, लेकिन काम की प्रगति का हाल यह है कि जिन मेडिकल काॅलेजों में वायरोलाॅजी लैब बनकर तैयार हो भी गई है, वहां भी या तो पर्याप्त स्टाफ नहीं है या सैंपल जांचने के लिए अत्याधुनिक मशीने नहीं हैं। इन लैबों के लिए लैब टैक्नीशियन तक का इंतजाम अब तक नहीं हो पाया है। इन लैबों का काम जल्द से जल्द शुरू हो इसमें न तो मेडिकल काॅलेजोंं की रुचि है और न ही महकमे के अफसरों को इसकी फिक्र है। खुद राजधानी के गांधी मेडिकल काॅलेज की वायरोलाॅजी लैब 7 साल में बनकर तैयार हो सकी है वह भी 25 करोड़ रुपए की भारी- भरकम रकम खर्च करने के बाद।
उधर जीएमसी प्रबंधन ने लापरवाही की बात से पल्ला झाड़ते हुए कहा है कि बार- बार विज्ञापन देने के बावजूद उसे स्टाॅफ नहीं मिला तो क्या किया जा सकता है। प्रबंधन की माने तो उसने विभिन्न पदों पर भर्ती कि लिए विज्ञापन तीन बार जारी किया, लेकिन लैब के लिए पर्याप्त और प्रशिक्षित स्टाॅफ नहीं मिल सका, इसके चलते वायरोलाॅजी लैब में कई सारी बीमारियों और वायरस संबंधी जांचे शुरु नहीं की जा सकी हैं।
स्वाइन फ्लू फैला तो होगी परेशानी
जानकारों के अनुसार हमीदिया की वायरोलाॅजी लैब को लेकर जिम्मेदार जिस तरह से लापरवाही भरा रवैया अपना रहे है, वह तब भारी पड़ेगा, जब खुदा ना खास्ता स्वाइन फ्लू के केस एकाएक बढने लगेंगे। इसे किस्मत ही कहा जाएगा कि अभी राजधानी में स्वाइन फ्लू के इक्का - दुक्का मामले ही सामने आ रहे हैं। जानकारों के अनुसार नवंबर और दिसंबर में इस बीमारी के सबसे ज्यादा मरीज सामने आते हैं। यदि इस बार स्वाइन फ्लू ने इस बार ज्यादा प्रकोप मचाया तो वायरोलाॅजी लैब होते हुए भी मरीजों को इसका फायदा नहीं मिल पाएगा।

स्वाइन फ्लू के मरीजों की जांच के लिए ही बनी थी यह लैब
साल 2011 में स्वाइन फ्लू के मरीज भारी संख्या मे मिले थे। इनकी जांच के लिए तब राज्य सरकार के पास कोई व्यवस्था नहीं थी। इसके बाद राज्य सरकार ने सभी मेडिकल काॅलेजों में वायरोलाॅजी स्थापित करने का फैसला किया था। तब प्रदेश की पहली वायरोलाॅजी लैब हमीदिया अस्पताल में बनाने का ऐलान भी किया गया था।