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सेहत - 16 July, 2019

एलोपैथिक दवाओ की तरह ही कारगर हैं हर्बल दवा दवाएं

एम्स ने एक स्टडी में पाया है कि जख्म भरने में हर्बल दवाएं एलोपैथिक दवाओं जितनी ही कारगर हैं। पहली बार इस तरह हर्बल दवा का इस्तेमाल बर्न की वजह से हुए जख्म को भरने के लिए किया गया। आयुष मंत्रालय ने इस खास प्रकार की हर्बल दवा पर स्टडी करने के लिए कहा था।

पुष्पेंद्र मिश्र, भोपाल

एलोपैथी की तरह हर्बल दवा भी जख्म भरने में कारगर है। एम्स की स्टडी में इसका खुलासा किया गया है। एम्स में बर्न विभाग के एचओडी डॉक्टर मनीष सिंघल ने कहा कि जितना फायदा एलौपैथी से होता है, उतना ही फायदा हर्बल दवा से भी देखा गया। पहली बार इस तरह हर्बल दवा का इस्तेमाल बर्न की वजह से हुए जख्म को भरने के लिए इस्तेमाल किया गया। डॉक्टर मनीष सिंघल ने कहा कि नैचरल प्रॉडक्टस के बारे में भले हमारी सोच पॉजिटिव हो, लेकिन प्रमाण नहीं होने की वजह से अक्सर डॉक्टर इसका इस्तेमाल करने से बचते हैं।
भारतीय हर्बल दवाए बहुत ही कारगर ओर बगेर कोई दुष्पपरिणाम वाली होती है इनका इस्तेमाल अंग्रेज़ी दवाओ की तरह ही किया जा सकता है । डॉक्टर मनीष ने कहा कि आयुष मंत्रालय ने इस खास प्रकार की हर्बल दवा पर स्टडी करने के लिए कहा था। उन्होंने कहा कि यह दवा ट्राइबल एरिया में लोग इस्तेमाल करते रहे हैं, लेकिन मेडिकली इसका इस्तेमाल नहीं होता था, क्योंकि इसका कोई साइंटिफिक सबूत नहीं था। आयुष मंत्रालय ने ट्रायल के लिए दवा उपलब्ध कराई। ट्रायल के लिए मरीज की केयर एम्स के बर्न विभाग द्वारा की गई।

डॉक्टर सिंघल ने कहा कि पहली बार हर्बल दवा का इस्तेमाल हो रहा था इसलिए सुपरफीशल बर्न से पीड़ित मरीजों पर ही इसका इस्तेमाल किया गया। बहुत गहरे जख्मों पर हम इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहते थे। हमने 60 ऐसे मरीजों को चुना और उन्हें 30-30 के ग्रुप में बांट दिया। एक ग्रुप में नॉर्मल एलौपैथ की दवा दी गई और दूसरे ग्रुप में हर्बल दवा दी गई। ट्रायल में पाया गया कि जख्म भरने में जितनी एलौपैथ दवा कारगर हुई, उतना ही असर हर्बल का भी हुआ। कुछ मरीजों में तो उससे ज्यादा ही असर देखा गया। यह एक बड़ी बात है, क्योंकि अब हम इसका इस्तेमाल बेझिझक कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि एलौपैथ दवा के इस्तेमाल में बड़ा डर साइड इफेक्ट का होता है। डॉक्टर भी नहीं चाहते हैं कि किसी मरीज को साइड इफेक्ट से गुजरना पड़े। इसी तरह के नैचरल प्रॉडक्ट पर हुए ट्रायल से जहां एक तरफ फायदा दिख रहा है वहीं साइड इफेक्ट भी नहीं है, यह सस्ता भी है। डॉक्टर ने कहा कि हमारा ट्रायल पूरा हो चुका है और अब हमारे पास सबूत भी हैं, हम ट्रायल की रिपोर्ट जल्द ही आयुष मंत्रालय को सौंप देंगे।