पुष्पेंद्र मिश्र, भोपाल
भोपाल में हमीदिया अस्पताल के किडनी ट्रांसप्लांट सेंटर में आयुष्मान योजना के तहत किडनी ट्रांसप्लांट तो मुफ्त होगा, लेकिन इससे पहले जांच के लिए मरीज को 50 हजार रूपए तक खर्च करने पड़ेंगे। मरीज की इस परेशानी का कारण आयुष्मान योजना का ही एक नियम है। अस्पताल में भर्ती मरीज को ही आयुष्मान योेजना का लाभ मिलता है। किडनी ट्रांसप्लांट से पहले इन मरीजों की क्राॅस मैचिंग सहित अन्य महत्वपूर्ण जांचें ओपीडी में ही कराई जाती है। इनका खर्च करीब 40 से 50 हजार रूपए आता है। आयुष्मान योजना के पैकेज में ये जांचें शामिल न होने से इन जांचों का खर्च मरीज को खुद उठाना पड़ेगा।
चालीस दिन तक करानी होती हैं कई जांचें
दरअसल आयुष्मान योजना में मरीज के भर्ती होने के सात दिन पहले तक ओपीडी में कराई गई सभी जाचें पैकेज में शामिल होती हैं। गांधी मेडिकल काॅलेज के गुर्दा रोग विशेषज्ञ डाॅ. हिमांशु शर्मा के अनुसार किडनी ट्रांसप्लांट से पहले की जांच प्रक्रिया लंबी होती है। इस दौरान करीब चालीस दिन तक रोगी को विभिन्न जांचें करानी होती हैं। इतने लंबे समय तक किसी भी मरीज को अस्पताल में भर्ती रखना संभव नहीं होता है। डाॅ. शर्मा के अनुसार इन जांचों के लिए हमीदिया अस्पताल ने निजी लैब से अनुबंध किया है।
पांच लाख तक आता है खर्च
आयुष्मान भारत योजना के तहत किडनी ट्रांसप्लांट का पैकेज 4.60 लाख रूपए है, इसलिए मरीज के इलाज पर सरकार इतना ही खर्च करती है, हालांकि उन मरीजों के मामले में जिन्हें कुछ ज्यादा जांचों की जरूरत पड़ती है, इस पूरी प्रक्रिया पर वास्तविक खर्च इस रकम से ज्यादा ही आता है। कुछ मरीजों को दवाएं भी ज्यादा लगती है, इसलिए भी उनका खर्च बढ़ जाता है। जहां तक निजी अस्पतालों का सवाल है वहां किडनी ट्रांसप्लांट कराने के लिए दस लाख रूपए से ज्यादा का खर्च आता है।
दो महत्वपूर्ण जांचें हैं सबसे महंगी
किडनी ट्रांसप्लांट से पहले किडनी देने वाले और किडनी लेने वाले का डीएनए मैचिंग टेस्ट कराया जाता है। इस जांच में दस से बारह घंटे का समय लगता है और सैंपल को जांच के लिए फ्लाइट से भेजा जाता है। दूसरी जांच किडनी क्रास मैचिंग की है, जो ब्लड ग्रुप मैचिंग के जैसी ही होती है। इन दोनों जांचों की रिपोर्ट के आधार पर ही किडनी ट्रांसप्लांट का फैसला होता है। इन दोनों जांचों का ही खर्च 40 हजार रूपए से अधिक आता है।
कैडेवर ट्रांसप्लांट की सुविधा अभी नहीं मिलेगी
हमीदिया अस्पताल के किडनी ट्रांसप्लांट सेंटर में फिलहाल लाइव किडनी ट्रांसप्लांट (जीवित व्यक्ति द्वारा दान किए गए गुर्दे का प्रत्यारोपण) ही किया जाएगा। बाद में ब्रेन डेड मरीजों से दान में मिली किडनी के ट्रांसप्लांट की सुविधा भी यहां मिलने लगेगी। जानकारों के अनुसार इस तरह के कैडेवर ट्रांसप्लांट के लिए नियम अलग हैं, उनको पूरा करने के बाद ही यहां कैडेवर ट्रांसप्लांट की सुविधा मिल सकेगी।
अन्य जांचें भी पैकेज में हो सकेंगी शामिल
फिलहाल अस्पताल में भर्ती से सात दिन पहले तक की सभी जांचें आयुष्मान योजना में शामिल हैं। यदि किसी प्रकरण विशेष में कोई अस्पताल किन्हीं अन्य जांचों की जरूरत बताएगा तो उन जांचों को भी पैकेज में शामिल कर लिया जाएगा। ऐसे मामलों में अस्पताल को हमसे संपर्क कर पूरे केस की जानकारी देनी होगी।
- जे. विजय कुमार, आयुष्मान भारत निरायमन सोसायटी, मध्यप्रदेश